The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing
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तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
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भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥
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शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥ अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन shiv chalisa lyricsl जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥